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पैसा ही हर कुछ नही होता । कल कॉलेज से लौटते समय बी

पैसा ही हर कुछ नही होता ।
कल कॉलेज से लौटते समय बीच रास्ते में ही कुछ काम से रुकना पड़ा और फिर शाम ढ़लते ही अब घर की ओर जाने का वक़्त हो चुका था और अधिकांश आपके जेब खाली तभी होते है जब महीना की आखिरी तारीख हमारे जीवन में दस्तक देती है । कल भी कुछ ऐसे ही हालात थे अपने वॉलेट चेक करने के बाद पाया कि जाने के लिए कोई भी रकम मौजूद नही है फिर ख़्याल आया कि घर के नीचे ही बुलवा लूंगा और दोस्तों से उसके पैसे अदा करवा दूंगा । इसी उम्मीद के साथ रेपीडो बाइक हमने बुक कर लिया मगर उससे बात होने पे उसने कहा कि आप जहा जाना चाहते है वहा तक तो नही हा मगर आपको मैं पिछले स्टॉप तक छोड़ सकता हु क्योंकि मुझे उधर ही जाना है तो हमने उनसे कहा कि एक दिक्कत है मगर हम आपको आपके रकम हम अपने घर के नीचे ही कर पाऊंगा क्योंकि हमारे पास आपको देने के लिए कुछ भी पैसे नही है । तो उधर से जवाब आया भाई मैं पैसे नही लूंगा ज़िन्दगी में हर कुछ पैसा ही नही होता है । उधर ही जा रहा हु तो आप चले बेझिझक मेरे साथ । ये लाइन मेरे दिल को छू गयी कि अभी भी कुछ इंसानियत जिंदा है इस बस्ती में । और फिर वहा से सफर शुरू हुई और थोड़ी ही देर में हम पहुच गए फिर हमने थैंक्स कहकर उन्हें विदा किया । 
ये महलों में रहने वाले लोग दिखावे से अमीर होते है ,
कभी कच्चे मकान वालों से मिलो ये दिल से अमीर होते है ।
अंततः बस यही कहूंगा कि ज़िन्दगी में कभी कभी ऐसे पल आते है जो आपको और भी मजबूत बना देते है , कर्म और आचरण से इंसान बड़ा होता है पैसों से नही । 

-हसीब अनवर
haseebanwer5796

Haseeb Anwer

New Creator

पैसा ही हर कुछ नही होता । कल कॉलेज से लौटते समय बीच रास्ते में ही कुछ काम से रुकना पड़ा और फिर शाम ढ़लते ही अब घर की ओर जाने का वक़्त हो चुका था और अधिकांश आपके जेब खाली तभी होते है जब महीना की आखिरी तारीख हमारे जीवन में दस्तक देती है । कल भी कुछ ऐसे ही हालात थे अपने वॉलेट चेक करने के बाद पाया कि जाने के लिए कोई भी रकम मौजूद नही है फिर ख़्याल आया कि घर के नीचे ही बुलवा लूंगा और दोस्तों से उसके पैसे अदा करवा दूंगा । इसी उम्मीद के साथ रेपीडो बाइक हमने बुक कर लिया मगर उससे बात होने पे उसने कहा कि आप जहा जाना चाहते है वहा तक तो नही हा मगर आपको मैं पिछले स्टॉप तक छोड़ सकता हु क्योंकि मुझे उधर ही जाना है तो हमने उनसे कहा कि एक दिक्कत है मगर हम आपको आपके रकम हम अपने घर के नीचे ही कर पाऊंगा क्योंकि हमारे पास आपको देने के लिए कुछ भी पैसे नही है । तो उधर से जवाब आया भाई मैं पैसे नही लूंगा ज़िन्दगी में हर कुछ पैसा ही नही होता है । उधर ही जा रहा हु तो आप चले बेझिझक मेरे साथ । ये लाइन मेरे दिल को छू गयी कि अभी भी कुछ इंसानियत जिंदा है इस बस्ती में । और फिर वहा से सफर शुरू हुई और थोड़ी ही देर में हम पहुच गए फिर हमने थैंक्स कहकर उन्हें विदा किया । ये महलों में रहने वाले लोग दिखावे से अमीर होते है , कभी कच्चे मकान वालों से मिलो ये दिल से अमीर होते है । अंततः बस यही कहूंगा कि ज़िन्दगी में कभी कभी ऐसे पल आते है जो आपको और भी मजबूत बना देते है , कर्म और आचरण से इंसान बड़ा होता है पैसों से नही । -हसीब अनवर

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