क़ातिल वो क़ातिल मेरी निगाहों का नफ़्स-दो-नफ़्स ना बन सका तो क्या। वो रहगुजर मेरा रहबसर ना बन सका तो क्या। वो आज भी रहबर है मेरा हिस्सेदार ना बन सका तो क्या? वो क़ातिल मेरी ..... ✍️मोनिका कंवर नरुका✍️ #क़ातिल #poetry_of_mine #WOD