जीश्म मे जब तलक जान है दोस्तो ये गुलिस्तां उजड़ने ना देंगे कभी रक्त के आखिरी बुंद तक दोस्तों इस तिरंगे को झुकने न देंगे कभी जो भी तिरछी नजर इस चमन पर पड़ेगी उसे बेअसर,बे नजर हम करेंगे जो उंगली उठाई कहीं रिंद ने उसे बेदखल इस जहां से करेंगे जीश्म मे जब तलक जान है दोस्तो ये गुलिश्तां उजड़ने ना देंगे कभी आपसी प्यार को जिसने रुसवा किया है उसे प्यार से हम मरहुम करेगें जिसने तोडा़ है शान ए हिन्दोस्तां हमारा उसे हम जुदा इस जमीं से करेंगे अमन जिस किसी ने छिना जो हमसे उसे चैन की सांस लेने ना देंगे जीश्म मे जब तलक जान है दोस्तो ये गुलिस्तां उजड़ने ना देंगे कभी राजीव......✍ #NojotoQuote samandar speaks