दिल को इश्क़ और इश्क़ को संभोग की ज़रूरत होती है ।
जिस तरह मुझे तुम्हारी और तुझे मेरी ज़रूरत होती है ।।
क्या कहे अब इश्क़ को आजकल इश्क़ ऐसी ही तो होती है ।
प्यार हुआ इक़रार हुआ दो चार बात हुई फिर संभोग हुआ ।।
कहते है जी नही सकते उनके बिन , पर जी जाते है उन बिन ।
किसी और संग संभोग कर इश्क़-ए रूह की चाहत किसको है ।। #Love#Sex#writer#ishq#मुहब्बत#paak#erotica#lovewriter#पाक़