हवा ने उनकी ज़ुल्फ़ों को कुछ यूँ छुआ, कि जैसे छुती हैं सागर की लहरों को नौका कि जैसे मिलना ना हो अब फिर कोईमौका कि जैसे छुता हो कोई भक्त प्रभु के चरण कि जैसे अब हैं ये जीवन, यहीं हैं मरण कि सब यहीं से शुरू और यहीं पे ख़तम।। #हवा #शुरू #मौका #भक्त #प्रभू #चरण #जीवन #मरण #nojotokavita