एक कोना मेरे दिल का जो छुपा है किसी कोने में किसी की यादों को समेटे बैठा है किसी कोने में वह दर्द है या खुशियां बतलाता नहीं कोने में मैं पूछूं उससे दर्द उसके कभी बोलता नहीं कौन है वह मन की खुशियों का शोर दिखाता नहीं कोने में वह जो सूखा आबशार है जो बहता है दरारों के कोने में एक कोना मेरे दिल का जो रहता है आबशार के किसी कोने में शशांक आबशार..... ©Abshar #कोना