वफ़ा का भी क्या खूब जमाना था l वो वक़्त बस कुछ रोज़ पुराना था l मोची के घर जा कर फिर से मिल जाना था l किया करते थे इश्क़ दोनों व्यापार किसी ओर का चलाना था l ~~~SR~~~ #दौर Aashish Gujrati 🇮🇳