तराशें जिंदगी को हम, नया इक ठौर आया है। सभी के सिर पे सजने को,यहाँ सिरमौर आया है। रहें अपने भरोसे पर, नहीं कुछ आस है करना- रचें खुद को सभी खुद से, यही अब दौर आया है। #मुक्तक #जिन्दगी_एक_संघर्ष #विश्वासी