क्या कहु कैसे कहुं,नादानियां तेरी बढ रही बेहिसाब, इतना तो समझ लिजिये दिल मेरा खुला किताब, इतना तो बता सनम क्या दिया मेरे खत का जबाब, तभी तो कह रहा हूं मै नखङे तेरे है पिया लाजबाब, फिर तुझे हुआ है क्या क्यो बता रही है कहानियाँ, तुझे जो नागबार है पिया वो मेरे चाहतो का सेज है!! धङकने तो मेरी बढ रही नाराज तू है जरा जरा, कर ले एतबार अब रहता है दिल पिया डरा डरा, कह रहा हूं आज तो मुझसे आँखो से बातें एक बार कर, तेरे ही हरकतो से आज तो मेरी आँखे अब तो भङा भङा, नादानियों पे तेरे कहीं बीखङ ना जाये जवानियां, चढ जरा हू पिया मै खङा यह तेरे लिये मेरे चाहतो की रोडवेज है!! रूढना भी तो क्या सनम तेरे चाहतो मै निलाम हू, तू चल के देखले पिया बस मै तेरा हीं तो मुकाम हू, नजर मीला पास आ,देख तो कितना तो तेरे लिये परेशान हूं, कह के तो देखले पिया हो गया पिया तेरे हीं नाम हूं, कर रहा हूं मै तुझे समझ ले तो मेरे दिलो की निशानियां, मै कहु तो क्या कहु दिल मेरा तो तेरे चाहतो से लवरेज है!! क्या कहुं कैसे कहुं Soumen Kundu Ashutosh Kumar Sewli Karmakar Vandana Mishra Mishra