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रोशनी फिर से झिलमिलाती है, जब चीजें,बर्दाश्त से बा

रोशनी फिर से झिलमिलाती है,
जब चीजें,बर्दाश्त से बाहर हुई जाती है,
सख़्त से वक़्त की चोट,दर्द पहुँचाती है।
मुश्किलात जब्,मेरा सब्र आज़माती है।
घायल रूह,दर्द से तड़पती है,करहाती है।
रात मुझे,खौफ़नाक अंजाम से डराती है।
आस ना जाने कैसे,चुपके से आ जाती है
सुबह होने वाली है,ये यकीन दिलाती है।
और रोशनी फिर से झिलमिलाती है।
हवाओं की सरगोशियां थपथपाती है।
मुरझाये से दिल में धड़कन जगाती है,
गुलाबों की मानिंद,महक-महक जाती है।
रोशनी फिर से झिलमिलाती है।
रोशनी फिर से झिलमिलाती है। #roshni #haunsla #zindagi #motivationalquotes #yqbaba #yqdidi #hindishayari
रोशनी फिर से झिलमिलाती है,
जब चीजें,बर्दाश्त से बाहर हुई जाती है,
सख़्त से वक़्त की चोट,दर्द पहुँचाती है।
मुश्किलात जब्,मेरा सब्र आज़माती है।
घायल रूह,दर्द से तड़पती है,करहाती है।
रात मुझे,खौफ़नाक अंजाम से डराती है।
आस ना जाने कैसे,चुपके से आ जाती है
सुबह होने वाली है,ये यकीन दिलाती है।
और रोशनी फिर से झिलमिलाती है।
हवाओं की सरगोशियां थपथपाती है।
मुरझाये से दिल में धड़कन जगाती है,
गुलाबों की मानिंद,महक-महक जाती है।
रोशनी फिर से झिलमिलाती है।
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