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आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा किसी की याद को

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा किसी की याद को उमड़ते देखा!!कोई रूह मे इस कदर बसा की  निद भी हमारी न रही!!बस उसको एक बार दिदार ही जाये!!नीद तो क्या बाहर भी हमारी हो जाये!! #Nind_ko_ankhon_se  Vikas Pawar Mukesh Sagar Khewraj Solanki  Vikash Mishra Abhilash shuaray
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा किसी की याद को उमड़ते देखा!!कोई रूह मे इस कदर बसा की  निद भी हमारी न रही!!बस उसको एक बार दिदार ही जाये!!नीद तो क्या बाहर भी हमारी हो जाये!! #Nind_ko_ankhon_se  Vikas Pawar Mukesh Sagar Khewraj Solanki  Vikash Mishra Abhilash shuaray