आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा किसी की याद को उमड़ते देखा!!कोई रूह मे इस कदर बसा की निद भी हमारी न रही!!बस उसको एक बार दिदार ही जाये!!नीद तो क्या बाहर भी हमारी हो जाये!! #Nind_ko_ankhon_se