White दुःख में आनन्द ढुंढा सुख में गमों पर हंसता था.. जब सुन ना सका कोई ये दास्तां मै पन्नों पर रचता था.. सफरों की तालिब लगा कर निकला मैं पर हर शहर में बसता था... ढुंढा तो पाया कि ये नींद है सपनों कि खुली मुट्ठी तो कुछ नहीं बचता था.. ...✍️✍️प्रेम ©premchoudhary #love_shayari #Shayari #nojota #guljaar #Jindagi