भाव भरा नभ दिखा रहा है नील रंग, वृक्ष मुस्काते खींच रहे हँसी के तंज, कोमल सी पत्तियाँ देख खिलखिलाती झील तरंग, कह रही सुगंधित मिट्टी पत्थर से ना है जंग, सुन इन सबकी निरर्थक बातें आ गई है कलम तंग| ©Taru Boss झिलमिलाती प्रकृति #5linespoetry