जो बीत गया, वो दौर फिर ना आयगा | कांधा देने के सिवा बस राख उठा पायेगा | जी ले पल की जिंदगी, कर ले मन की हसरतें पूरी | क्या वक़्त !! क्या समाज !! तेरे मरने के बाद⚰, तुझे क्या लौटा पायगा 🪦¿¿ जो बीत गया, वो दौर फिर ना आयगा | कांधा देने के सिवा बस राख उठा पायेगा | जी ले पल की जिंदगी, कर ले मन की हसरतें पूरी | क्या वक़्त !! क्या समाज !! तेरे मरने के बाद⚰, तुझे क्या लौटा पायगा 🪦¿¿