इन आँखों में मोहब्बत 'बेशुमार' है दिल पर बस छाया तेरा 'खुमार' है मुझे बस सिर्फ तुम पर 'एतबार' है हर-पल मुझे बस तेरा 'इन्तज़ार' है कब होगा ? सनम तेरा 'दीदार' है साँसे मिलन को तुमसे 'बेकरार' है जिस्म संग रूह भी तेरी आबदार है तेरे साथ ज़िन्दगी मेरी 'गुलज़ार' है बंधन तेरा मेरा सनम 'उस्तुवार' है हर तरफ तेरे प्रेम की तो 'बयार' है उस्तुवार:_ दृढ़ आबदार:_ चमकदार ♥️ Challenge-678 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।