ॐ नमः शिवाय कण कण में समाया है ॐ ही शिव है शिव ही ॐ सहाय ॐ का ही स्वर गूंज रहा भ्रमांड में आदि भी ॐ अनादि वही शिवोम मेरे भीतर ॐ विराजे स्वास रमा हुआ ॐ से रचना तेरी मिटाना सब उसके हाथ जल थल नभ समीर सब में ॐ मिश्रित ॐ का नाम जाप जपा करो मन शुद्ध रहेगा ॐ की भक्ति कर वही मुक्ति का द्वार भी ©Mahadev Son ॐ नमः शिवाय सृष्टि का सार यही