प्रबल विपदायें है सम्मुख मेरे, पर ठहर जाना स्वीकार नही| अपनी मुट्ठी में मुझको करले कोई इतना भी छोटा आकार नही| कर्म पथ पर चल कर,लक्ष्य है पाता वही जिसने अंगारो पर चल कर,पीछे कभी देखा नही| मानव जीवन है संघर्षमयी....| दो हाथ मेरे साथ में है अब हाथ फ़ैलाना स्वीकार नही| कर्मो से ही जीवन है मेरा,विश्राम मेरा साथी नही हाथो कि मुट्ठी से बड़कर,कोई भाग्यो कि लकीर नही आये कठिन विपदाये तब,बस कायर हि धीरज खोते है कर्ममयी है जीवन जिसका,उस साहसी को कोई भय नही| मानव जीवन है संघर्षमयी...| संघर्षो में,मै हूँ पला बड़ा ,काँटो से है यारी मेरी विपदाओ को गले लगाता हूँ,मै मानव हूँ कोई देव नही| सूरज सा तप कर मुझे अमरत्व प्राप्त अब करना है, कर्म पथ पर खड़ा हूँ मैं,है अब पुकारती विजयश्री| देवो को भी दुर्लभ है यह, मानव जीवन संघर्षमयी, मानव जीवन है संघर्षमयी....| #मानव जीवन है संघर्षमयी