#माँ के लिए काव्य, रचना #माँ के लिए
#माँ_का_प्यार जिसके आगे दुनिया है बेकार
मातृत्व को कुछ पंक्तियों को उतारने का दुस्साहस कर रहा हूँ, क्योंकि #ममता को चंद पंक्तियों या एक किताब में परिभाषित नही किया जा सकता।
मेरा दिल रहता है गांव में #ममताकीछाँव में
#collabwithme#yqdidi#Feminism