पीठ दर्द से मिली ज़मानत,छुट्टी भी ना मिलती है ll सत्कर्मों के बिना,भाग्य की मुट्ठी,भी ना खुलती है ll लोकतंत्र जब जब बिकता है,जनता कष्ट झेलती है ll पानी में,जनजीवन तक की,घुट्टी भी ना, घुलती है ll ©aakashsaral #holikadahan Geeta Modi Dhyaan mira