जीजा जी के संग मिल लूट मार करें खूब, नाना जी के पैंतरों पे चलता ही जाएगा । जनता को देके तेल खौलता कढ़ाइयो में, बेबसी के नित्य ये पकोड़े तलवायेगा । गिरगिट जैसा रंग बदलेगा जीतते ही, हमकों हज़ार क्या वो आने न थमायेगा । जानता है हर एक वोटर चुनाव बाद दादी का वो पोता फिर झुनझुना दिखायेगा। झुनझुना