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यहां तो अब ख्वाइशों का बंदी जीवन है, गुनाह किया

यहां तो अब ख्वाइशों का बंदी जीवन है,  
गुनाह किया होता तो कब का रिहा हो जाता।

कैदखाना है चाहतों का बस ईंट से सलाखें जोड़ी है,
यहां तो कमरा है, अंधेरा सा  कोई शहर थोड़ी  है।

 ऐ  इश्क़ का जुर्म थोड़ी है  जो रिहाई  ना होगी,
 कैदी हूं ख्वाइशों का में, कभी जमानत तो होगी।

रात भर शोर ख्वाइशों का  अब सोने नहीं देता,
बंदिशे मर्जी की है,  अब इन्हें तोड़ क्यों नहीं लेता।


               
                                        -jivan Kohli #कैदी चाहतों का, sheetal pandya मेरे शब्द @फीling_! Abhi Sahjlan आखरी_सफर_writes  Charnjeet Singh
यहां तो अब ख्वाइशों का बंदी जीवन है,  
गुनाह किया होता तो कब का रिहा हो जाता।

कैदखाना है चाहतों का बस ईंट से सलाखें जोड़ी है,
यहां तो कमरा है, अंधेरा सा  कोई शहर थोड़ी  है।

 ऐ  इश्क़ का जुर्म थोड़ी है  जो रिहाई  ना होगी,
 कैदी हूं ख्वाइशों का में, कभी जमानत तो होगी।

रात भर शोर ख्वाइशों का  अब सोने नहीं देता,
बंदिशे मर्जी की है,  अब इन्हें तोड़ क्यों नहीं लेता।


               
                                        -jivan Kohli #कैदी चाहतों का, sheetal pandya मेरे शब्द @फीling_! Abhi Sahjlan आखरी_सफर_writes  Charnjeet Singh
jiwankohli5560

Jiwan Kohli

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