कहते जीवन मे पानी हैं। चारों तरफ़ मनमानी है। लोग यंहा के गंदे हैं । उनके काले धंदे है कुछ लोग यंहा पे आते है फिर आके चलें जाते है। कोई हँसता है कोई रोता है । फिर वो चुप हों जाता है। यही जीवन की गाथा है वास्तविकता जीवन की