पतिबरता मैली भली-गले कांच की पोत । सब सखियन मे यो दीपै-ज्यो रवि शीश की जोत ।। संत कबीर जी कहते है कि यदि कोई स्त्री पति व्रता है - तो फिर चाहे उसके गले में सुहाग के नाम पर सिर्फ धागे की एक माला हो या वो तन से मैली भी है, फिर भी वो अपने सभी सखी सहेलियो में सूर्य के किरण सामान चमकती है अथार्त जो स्त्री पतिव्रता है उसे सुन्दर दिखने के लिए किसी भी गहने या बाहरी श्रृंगार की आवश्कता नहीं है। 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' पतिव्रता