आओ कभी फुर्सत में तुम एक यात्रा करेगे हम कुछ पल ठहरकर वर्तमान में जिंदा रहेगे बेशक आज भी बेचेनी नही है तुमको मुझसे रूबरू होने की लेकिन बेरंग ही हम मिजाज मौसम का सहेगे तुम आकर चली जाना मैं रोकूगा नही बस एक बार दो किनारो पर बैठकर एकदूसरे को नजरअंदाज करेगे तुम अजनबी होकर पूछना कौन हूँ मैं इस बार कुछ अलग ढंग से मैं टालूगा छुकर तुम्हारी हथेलिओ को सिक्का उछालूगा ठंडी हवा सा हूँ मैं बस तेरे गालो को महसूस करके लौट जाऊगा #NojotoQuote