जरा सा जला हूं तो कदम बचा के रखे हैं कुछ दर्द हैं जिसको मैंने सजा के रखे हैं मेरा आना यकीनन महज़ एक इत्तेफाक था मालूम है कि ऐसा ही कहोगी जनाब इसलिए तो हमने भी कुछ लफ्जों को संभाले रखें हैं ©"Narayan"