ऐ राहगीर ,खुद को मुसाफिर ही रख ! कोई दूर तलक, कोई देर तलक, कोई कितना भी चला हो 'बस' इतना ही चला है ! खुद को खुद में मगन रख ! जीवन सरल रख ! दिखावे का बोझा न रख ! वजन कम रख ! ऐ राहगीर ,खुद को मुसाफिर ही रख ! ऐ राहगीर, खुद को मुसाफिर ही रख !! कवि कपिल, मेरठ ©Kavi Kapil #कवि कपिल #मेरठ #walkingalone