सच बताऊं मैं शब्द कहां से लाता हूं मैं चोर हूं चोर कर लाता हूं हवा से गंध चुराता हू धरा से सौगंध चुराता हूं सूरज से तेज चुराता हूं चांद से शीतल लाता हूं नदी से अविरल चुराता हूं पेड़ों से ताजगी लाता हूं पंछी से चहक चुराता हूं इन सात सुरों से अपना जीवन चलाता हूं Gudvin.barche@g