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बहकावे में आ चुके है रास्तो के हम, ये मंजिलो के रू

बहकावे में आ चुके है रास्तो के हम, ये मंजिलो के रूठ जाने के बाद पता चला,, 
रुकना नही था अभी यहा, ये कदमो के ठहर जाने के बाद पता चला,,
क्या क्या हाद्से हुए है दर्मियां,, ये मुझे होश में आने के बाद पता चला,,
और कैसे बयां करू इस दिल की नादानियाँ,,
चार दिन होते है जीने के,, ये मुझे तीन दिन गुज़र जाने के बाद पता चला।
 चार दिन
बहकावे में आ चुके है रास्तो के हम, ये मंजिलो के रूठ जाने के बाद पता चला,, 
रुकना नही था अभी यहा, ये कदमो के ठहर जाने के बाद पता चला,,
क्या क्या हाद्से हुए है दर्मियां,, ये मुझे होश में आने के बाद पता चला,,
और कैसे बयां करू इस दिल की नादानियाँ,,
चार दिन होते है जीने के,, ये मुझे तीन दिन गुज़र जाने के बाद पता चला।
 चार दिन
ankitraj3469

Ankit Raj

New Creator