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,मैं कुछ दिख रहा हूं ऐसा की धूप में मुसाफ़िर जैसा

,मैं कुछ दिख रहा हूं  ऐसा 
की धूप में मुसाफ़िर जैसा ..
.....
  मैं टूट रहा हूं ऐसा की रात में तारा जैसा
   तू महताब के जैसा मैं महताब ऐसा
                          बिन नींद स्वपन जैसा ..
पर मन मेरा गगन यहां आग है पवन 
                   फीकी है यहाँ  लाली  
                   दिवाली है मोन जैसा
        मैं कुछ दिख रहा हूं ऐसा......
 मैं अधजला बाती 
    तेरी याद नही जाती
    मंजिल अभी कोसा 
  मैं कुछ दिख रहा हूं ऐसा
     बिन पंख मोर जैसा
    सूखे पेड़ जैसा              

                                    महताब- चाँद

©sanjeev raj मैं कुछ दिख रहा हु ऐसा 
.
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#poetry #poetrycommunity #newthought #spportme #feeling #hartbroken #afterbreakup 
#lostinthoughts
,मैं कुछ दिख रहा हूं  ऐसा 
की धूप में मुसाफ़िर जैसा ..
.....
  मैं टूट रहा हूं ऐसा की रात में तारा जैसा
   तू महताब के जैसा मैं महताब ऐसा
                          बिन नींद स्वपन जैसा ..
पर मन मेरा गगन यहां आग है पवन 
                   फीकी है यहाँ  लाली  
                   दिवाली है मोन जैसा
        मैं कुछ दिख रहा हूं ऐसा......
 मैं अधजला बाती 
    तेरी याद नही जाती
    मंजिल अभी कोसा 
  मैं कुछ दिख रहा हूं ऐसा
     बिन पंख मोर जैसा
    सूखे पेड़ जैसा              

                                    महताब- चाँद

©sanjeev raj मैं कुछ दिख रहा हु ऐसा 
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#poetry #poetrycommunity #newthought #spportme #feeling #hartbroken #afterbreakup 
#lostinthoughts
mvsanjeevraj3004

jaane

New Creator

मैं कुछ दिख रहा हु ऐसा . . . #Poetry #poetrycommunity #NewThought #spportme #Feeling #hartbroken #afterbreakup #lostinthoughts #कविता