भाई लोग अन्यथा न लें, शे'र को शे'र की तरह ही लें 😄 औक़ात ही उसकी नहीं तो क्या भला होता मुकाबिल उसने तो अपनी बेहतरी समझी नज़रअंदाज करके @ धर्मेन्द्र तिजोरीवाले "आज़ाद"