#किनारा ना मिला हर वक्त बदलता है, ये लहर । कभी दिख भी जाता है, सूर्य की किरण। कभी चन्द्रमा के साथ , दिखते हैं सितारे। मैं जहां जा रहा उनका कोई #किनारा ना मिला। हूं खोया हुआ खुली हवाओ में। आसमान के बादल उड़ते दिख रहे हवाओ में। हर पक्षी मधुर गीत गाते लौट रहे अपने घर को। अपना राह मैं चल रहे हैं, मैं जहां जा रहा उनका कोई #किनारा ना मिला :-✍️ प्रहलाद मंडल #अपना_कलम_अपना_अंदाज़ #EscapeEvening