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©Artist Sudhir Singh (अबकी बार मैंनें उसे छोड़ा है।)

वो उसकी धमकियां, वो उसके नख़रे,
वो बात-बात पे उसका उखड़ आना।
उसका विशालकाय हो जाना,
फिर मेरा सिमट जाना।

वो रोज़ रोज़ मुझे छोड़ देता,
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©Artist Sudhir Singh (अबकी बार मैंनें उसे छोड़ा है।)

वो उसकी धमकियां, वो उसके नख़रे,
वो बात-बात पे उसका उखड़ आना।
उसका विशालकाय हो जाना,
फिर मेरा सिमट जाना।

वो रोज़ रोज़ मुझे छोड़ देता,

(अबकी बार मैंनें उसे छोड़ा है।) वो उसकी धमकियां, वो उसके नख़रे, वो बात-बात पे उसका उखड़ आना। उसका विशालकाय हो जाना, फिर मेरा सिमट जाना। वो रोज़ रोज़ मुझे छोड़ देता, #विचार #सुधीरा #sudhiraa