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कुछ लुट गया इश्क़ मे, कुछ तेरे गाँव मे। जिन्द़गी ब

कुछ लुट गया इश्क़ मे,
कुछ तेरे गाँव मे।
जिन्द़गी बिक गयी हैं यारो,
रद्दी के भाव मे।
तुझको तलाशा जिन्दगी,
मैं यूँ ही दरबदर,
पर तू तो खोयी रेत सी, 
कही रेगिस्तान में। कीमत
कुछ लुट गया इश्क़ मे,
कुछ तेरे गाँव मे।
जिन्द़गी बिक गयी हैं यारो,
रद्दी के भाव मे।
तुझको तलाशा जिन्दगी,
मैं यूँ ही दरबदर,
पर तू तो खोयी रेत सी, 
कही रेगिस्तान में। कीमत