प्यार और फ़रेब मैं झुकता रहा वो झुकता रहा मैं चुप रहा वो सुनाता रहा मैं दुनिया की भीड़ में खो रहा था और वो मुझे भीड़ में उंगलियों पर चलाता रहा इतना सब हो जाने पर मैं रोता रहा वो रुलाता रहा काश के वो समझ पाता उसकी हर चाल पर नजर है मेरी वो तोड़ना चाहता था सिर्फ मै था जो निभाता रहा ।।। love Vs all over