वो इश्क़ था मेरा, जिसने मुझको इतना रुलाया है। मैं चाहत थी उसकी कभी, ये उसने खुद बताया है। वो पागल पंछी था आवारा, इधर उधर भटकता था। इश्क़ नहीं था उसको मुझसे, तभी तो मुझे सताया है। छोड़ के सबकुछ दुनिया में, मैं उसकी जोगन बन गई। उसको नहीं थी परवाह मेरी, तभी तो इतना रुलाया है। वो कहता था कि छोड़ के सब, एकदिन चला जाऊँगा। सच ही कहा था उसने मुझसे, वो करके भी दिखाया है। मैं तन्हा रह गई इस आस में, शायद वो वापस आएगा। जाने वाले कब आते हैं, न लौट के वो वापस आया है। ♥️ Challenge-806 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।