यह सफर यह बहती हवाएं .. तेरी यादों के साथ-साथ काश तुझे भी ले आएं .. मध्यम मध्यम गीत बजते क्यों नैन मेरे शर्माए .. साउथ वालों को क्या पता कि याद तेरी सताए .. मानो यह हिलोरे कान में कह रही हो मुझे.. तू दूर ही सही है कैसे समझाऊं मैं तुझे.. कभी तु रग-रग शामिल कभी तेरी लो बुझे.. उतरे वह वादे साथ के साथ रहेंगे एक दूजे.. किसी वक्त में तू शामिल सि थी.. एक वक्त लगा हासिल सि थी.. सोचा था तुझे मैं मां से मिला लूंगा.. लगा कि तू इतनी काबिल सि थी.. तेरी याद छीन लेती आराम मेरा.. इस जन्म का तू है इल्जाम मेरा.. जो वक्त चैन का बिताया तुझ संग.. वो वक्त भी है अब हराम मेरा.. #MeraShehar