" अल्हड़ सी लड़की " [ अनुशीर्षक पढ़े ] © शताक्षी एक लड़की थी अल्हड़ सी किसी से भी ना डरती थी खुद के ज़ख्मों संग सबके राज़ अपने सीने मे कैद रखती थीं हर कोई जिसे दोस्त माने कुछ ऐसे वो मिजाज़ रखती थीं अपनी मौज मे मगन खुशियां बिखेरती चलती थी