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White उसके झूठ से मैं इसलिए नाराज़ हूॅं शायद , क्

White  उसके झूठ से मैं इसलिए नाराज़ हूॅं शायद ,
क्यूॅंकि सच से मैंने कभी इंकार ही नहीं किया ।

उसके हर सच-झूठ को ख़ामोशी से सुन लिया मैंने 
आज तक उसके सामने कोई शिकायत,कोई शिकवा नहीं किया।

मैं कैसे कहती उस से, उसी से जुड़ी अपने दिल की बातें,
जब उसने ही मुझसे अंजानों सा बरताव किया।

मैं दे सकती थी दस्तक उसके दर पर दिन में सौ बार भी लेकिन 
उसके लिए जो ज़रूरी था वो भरोसा ही उसने मुझे नहीं दिया ।

फ़िर ज़रूरी था मेरे लिए भी,अपने अंदर की घुटन को ख़त्म करना,
और फिर मैंने इस घुटन को अपने लफ़्ज़ों में तब्दील कर दिया।

©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi 
#Dil   #Lafz 
#nojotohindi 
#Quotes 
#6Oct 
hindi shayari
White  उसके झूठ से मैं इसलिए नाराज़ हूॅं शायद ,
क्यूॅंकि सच से मैंने कभी इंकार ही नहीं किया ।

उसके हर सच-झूठ को ख़ामोशी से सुन लिया मैंने 
आज तक उसके सामने कोई शिकायत,कोई शिकवा नहीं किया।

मैं कैसे कहती उस से, उसी से जुड़ी अपने दिल की बातें,
जब उसने ही मुझसे अंजानों सा बरताव किया।

मैं दे सकती थी दस्तक उसके दर पर दिन में सौ बार भी लेकिन 
उसके लिए जो ज़रूरी था वो भरोसा ही उसने मुझे नहीं दिया ।

फ़िर ज़रूरी था मेरे लिए भी,अपने अंदर की घुटन को ख़त्म करना,
और फिर मैंने इस घुटन को अपने लफ़्ज़ों में तब्दील कर दिया।

©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi 
#Dil   #Lafz 
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