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बरसने से पाप धुलती नहीं। गरजने से हकीकत बदलती नहीं

बरसने से पाप धुलती नहीं।
गरजने से हकीकत बदलती नहीं।
हया भी थोड़ी होती तो जुबां खुलती नहीं।
मगर बेहया है तोहमत लगाने से बाज आती नहीं।

©Azhar Waquar बरसने से पाप धुलती नहीं है

#melting
बरसने से पाप धुलती नहीं।
गरजने से हकीकत बदलती नहीं।
हया भी थोड़ी होती तो जुबां खुलती नहीं।
मगर बेहया है तोहमत लगाने से बाज आती नहीं।

©Azhar Waquar बरसने से पाप धुलती नहीं है

#melting
azharwaquar7698

Azhar Waquar

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