लंबी रेशमी ज़ुल्फें तुम्हारी,,, तुम लगती है क़ातिल मुझे... पहन बरेली वाला झुमका,,, मरोगी एक दिन मुझे... शर्मा के अक्सर जब तुम,,, ज़ुल्फ़ों से अपनी खेलती हो... फिर घुमा के उनको हाँथों से,,, कान के पीछे लेती हो... क्या बताऊँ उस वक्त तुम्हें,,, कितने तीर जिगर पे कसती हो... नैन तुम्हारे जैसे सागर,,, दिनरात में डूबा रहता हूँ... बैठा हूँ मैं उस पल के लिए मैं,,, जिस पल तुम फिर शर्माओगी... अरे मान भी जाओ मैडम जी,,, अब कितने नखरे दिखाओगी... ©Bindas Bharat Azad #Love #feeling_loved #love2lover #foryouIndia #For❤U #foryou