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【 नीम का पेड़ 】 गाँव वाले घर के सामने जो जगह खाल

【  नीम का पेड़  】 
गाँव वाले घर के सामने जो जगह खाली पड़ी थी वहाँ धूप बहुत आती थी। दिन में उसका कोई उपयोग होता नही था पर शाम को अक्सर छोटे बच्चे वहां जरूर खेल लिया करते थे पर पता नहीं कैसे वहां एक नीम का पेड़ उग आया शायद किसी चिड़िया ने लाकर बीज फेंक दिया होगा..खैर दादी ने देखा तो सोचा चलो अब उग ही गया है तो बड़ा हो जाने दो और उन्होंने उसके इर्द गिर्द चंद ईंटें लगा दी ताकि कोई बच्चा खेलते खेलते उसे तोड़ न दे।

और जैसा कि अक्सर होता है पेड़ को बस जमीन चाहिए होती है और अगर वो मिल जाए तो वो अपने आप अपना पालन पोषण कर लेता है और इसी तरह वो पेड़ भी अपने आप बड़ा हो गया..हालाँकि जब तक वो बड़ा नही हुआ था तब तक किसी को उससे कोई उम्मीद नही थी पर जैसे ही वो बड़ा हुआ हर किसी को उसकी जरूरत आन पड़ी, किसी को सुबह उसकी दातून चाहिए थी किसी को उसकी पत्तियां ताकि पानी मे उबालकर बच्चों को नहला सकें (नीम की पत्तियों से नहलाने से कई रोग दूर होते हैं)।

वो पेड़ जैसे जैसे बड़ा हो रहा था उससे उम्मीदें भी बढ़ती जा रही थी और अब वो एक विशाल वृक्ष बन चुका था इतना बड़ा की कई लोग एक साथ बैठ कर उसकी छाँव तले समय बिता सकते थे। 

फिर एक दिन सब ने मिलकर तय किया कि यहाँ एक चबूतरा बनाया जाए ताकि दिन में सभी लोग यहाँ बैठ सकें , फिर क्या था अगले दिन मजदूर बुला कर पेड़ के चारों तरफ से एक गोल सा चबूतरा बना दिया गया...वो पेड़ बड़ा खुश था कि लोग उसे कितना प्यार करने लगे हैं सब उसे कितना अपनापन देने लगे हैं आखिर हर रोज कुछ लोग आकर उस चबूतरे पर बैठ कर घंटों बातें किया करते थे और छोटे बच्चों के लिए तो वो खेल का मैदान बन गया था...
【  नीम का पेड़  】 
गाँव वाले घर के सामने जो जगह खाली पड़ी थी वहाँ धूप बहुत आती थी। दिन में उसका कोई उपयोग होता नही था पर शाम को अक्सर छोटे बच्चे वहां जरूर खेल लिया करते थे पर पता नहीं कैसे वहां एक नीम का पेड़ उग आया शायद किसी चिड़िया ने लाकर बीज फेंक दिया होगा..खैर दादी ने देखा तो सोचा चलो अब उग ही गया है तो बड़ा हो जाने दो और उन्होंने उसके इर्द गिर्द चंद ईंटें लगा दी ताकि कोई बच्चा खेलते खेलते उसे तोड़ न दे।

और जैसा कि अक्सर होता है पेड़ को बस जमीन चाहिए होती है और अगर वो मिल जाए तो वो अपने आप अपना पालन पोषण कर लेता है और इसी तरह वो पेड़ भी अपने आप बड़ा हो गया..हालाँकि जब तक वो बड़ा नही हुआ था तब तक किसी को उससे कोई उम्मीद नही थी पर जैसे ही वो बड़ा हुआ हर किसी को उसकी जरूरत आन पड़ी, किसी को सुबह उसकी दातून चाहिए थी किसी को उसकी पत्तियां ताकि पानी मे उबालकर बच्चों को नहला सकें (नीम की पत्तियों से नहलाने से कई रोग दूर होते हैं)।

वो पेड़ जैसे जैसे बड़ा हो रहा था उससे उम्मीदें भी बढ़ती जा रही थी और अब वो एक विशाल वृक्ष बन चुका था इतना बड़ा की कई लोग एक साथ बैठ कर उसकी छाँव तले समय बिता सकते थे। 

फिर एक दिन सब ने मिलकर तय किया कि यहाँ एक चबूतरा बनाया जाए ताकि दिन में सभी लोग यहाँ बैठ सकें , फिर क्या था अगले दिन मजदूर बुला कर पेड़ के चारों तरफ से एक गोल सा चबूतरा बना दिया गया...वो पेड़ बड़ा खुश था कि लोग उसे कितना प्यार करने लगे हैं सब उसे कितना अपनापन देने लगे हैं आखिर हर रोज कुछ लोग आकर उस चबूतरे पर बैठ कर घंटों बातें किया करते थे और छोटे बच्चों के लिए तो वो खेल का मैदान बन गया था...
amitmishra2258

Amit Mishra

New Creator

गाँव वाले घर के सामने जो जगह खाली पड़ी थी वहाँ धूप बहुत आती थी। दिन में उसका कोई उपयोग होता नही था पर शाम को अक्सर छोटे बच्चे वहां जरूर खेल लिया करते थे पर पता नहीं कैसे वहां एक नीम का पेड़ उग आया शायद किसी चिड़िया ने लाकर बीज फेंक दिया होगा..खैर दादी ने देखा तो सोचा चलो अब उग ही गया है तो बड़ा हो जाने दो और उन्होंने उसके इर्द गिर्द चंद ईंटें लगा दी ताकि कोई बच्चा खेलते खेलते उसे तोड़ न दे। और जैसा कि अक्सर होता है पेड़ को बस जमीन चाहिए होती है और अगर वो मिल जाए तो वो अपने आप अपना पालन पोषण कर लेता है और इसी तरह वो पेड़ भी अपने आप बड़ा हो गया..हालाँकि जब तक वो बड़ा नही हुआ था तब तक किसी को उससे कोई उम्मीद नही थी पर जैसे ही वो बड़ा हुआ हर किसी को उसकी जरूरत आन पड़ी, किसी को सुबह उसकी दातून चाहिए थी किसी को उसकी पत्तियां ताकि पानी मे उबालकर बच्चों को नहला सकें (नीम की पत्तियों से नहलाने से कई रोग दूर होते हैं)। वो पेड़ जैसे जैसे बड़ा हो रहा था उससे उम्मीदें भी बढ़ती जा रही थी और अब वो एक विशाल वृक्ष बन चुका था इतना बड़ा की कई लोग एक साथ बैठ कर उसकी छाँव तले समय बिता सकते थे। फिर एक दिन सब ने मिलकर तय किया कि यहाँ एक चबूतरा बनाया जाए ताकि दिन में सभी लोग यहाँ बैठ सकें , फिर क्या था अगले दिन मजदूर बुला कर पेड़ के चारों तरफ से एक गोल सा चबूतरा बना दिया गया...वो पेड़ बड़ा खुश था कि लोग उसे कितना प्यार करने लगे हैं सब उसे कितना अपनापन देने लगे हैं आखिर हर रोज कुछ लोग आकर उस चबूतरे पर बैठ कर घंटों बातें किया करते थे और छोटे बच्चों के लिए तो वो खेल का मैदान बन गया था... #tree #yqbaba #yqdidi #lifecycle #Grandparents #Amit #maun #amitmaun