Nojoto: Largest Storytelling Platform

कितनी मासूमियत है तुझ में और सच्चाई भी सागर सी

 कितनी मासूमियत है  तुझ में और सच्चाई  भी
सागर सी गहराई भी है और उस पर दानाई भी

तू मस्त हवा का झोंका या कोई घटा हो छाई सी
तुझे देखके जलती होगी बेशक तेरी परछाईं भी

तू कल- कल बहता झरना या ठण्डी पुरवाई सी
एक  ग़ज़ब का शोर हो  जिसमें और तन्हाई भी

गुज़रे  कहीं  जब तू तो लगे  फ़िज़ा  इठलाई सी 
तेरे तेज़ के आगे फीकी है शमां की रौशनाई भी

तेरे  तसव्वुर से ही  दिल में बजती है शहनाई सी
तुझे देख कर ग़श खा जाये चन्दा की रानाई भी

©Parastish
  दानाई- intelligence
रानाई- beauty
#hindiwritings #parastish #Poetry #Shayari #ghazal
pooja7092330500628

Parastish

Silver Star
Super Creator

दानाई- intelligence रानाई- beauty #hindiwritings #parastish Poetry #Shayari #ghazal

3,844 Views