White दुआ है सबों की हैं बस परिन्दा शब्दों की महफ़िल उसका वाशिंदा कहुं मैं क्या हूं तो कुछ भी नहीं हूं ग़ज़ल गीत कविता वहां हूं बस जिंदा ©राघव रमण #_shayari