जटाओं में गंगा विराजे, साथ में चन्दा है साजे गले में है सर्पों का झुण्ड, नेत्र जैसे अग्निकुंड हाथ में डमरू है साजे, हिले धरा जब भी ये बाजे मिटायें दानव मूल से, जो करें ये वार त्रिशूल से वास है उनका कैलाश पे, नंदी भृंगी है साथ में शिव शम्भू है भोले भंडारी, वो मेरे प्रभु मैं उनका पुजारी भोलेनाथ का साथ है डरने की क्या बात है #bholenath #shankar #trishul #yqbaba #yqdidi