लहलहती धरती को बोलो कौन बंज़र कर गया दोस्ती के नाम पर क्यूँ कोई खंज़र धर गया बारिश की सुहानी बूँदों ने बोलो शोले ये उगले हैं क्यूँ जो थे कभी अपने से लगते उनके चेहरे धुंधले हैं क्यूँ क्यूँ वफ़ा के नाम पर कोई बेवफ़ाई कर गया खुशियों का बनके फरिश्ता ताज़ काँटों का रख गया ©Anita Mishra #Banzar