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मेरी हँसती दुनिया रोती न होती, अगर दूर दीपक से ज्य

मेरी हँसती दुनिया रोती न होती,
अगर दूर दीपक से ज्योति न होती। ज्योति और दीपक दोनों एक दूसरे के पूरक है। दोनों के मिलन मात्र से ही अंधकार को दूर किया जा सकता है।
मेरी हँसती दुनिया रोती न होती,
अगर दूर दीपक से ज्योति न होती। ज्योति और दीपक दोनों एक दूसरे के पूरक है। दोनों के मिलन मात्र से ही अंधकार को दूर किया जा सकता है।