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कभी-कभी कभी-कभी कल्पनिक भावों के चंचल पँछी शब्द

कभी-कभी कभी-कभी 
कल्पनिक भावों के 
चंचल पँछी 
शब्दों के सघन 
जाल में आने से पहले ही
मन के अनंत आकाश से
विलुप्त हो जाते हैं..!!

©Aishani भावों को बिखरने से पूर्व ही समेट लो कागज पर

#Twowords
कभी-कभी कभी-कभी 
कल्पनिक भावों के 
चंचल पँछी 
शब्दों के सघन 
जाल में आने से पहले ही
मन के अनंत आकाश से
विलुप्त हो जाते हैं..!!

©Aishani भावों को बिखरने से पूर्व ही समेट लो कागज पर

#Twowords

भावों को बिखरने से पूर्व ही समेट लो कागज पर #Twowords