टूट कर चाहा था तुझे लेकिन शायद तुझे मेरी चाहत से ऐतराज था तुझे यकीन नहीं था मुझ पर और मुझे खुद से ज्यादा तुझ पर ऐतबार था ,बेपनाह मोहब्बत थी मुझे तुझसे अपने इस इश्क पर मुझे गुमान था ,मगर किसे पता था कि तू तो बस कुछ दिनों का मेहमान था क्यूं किए थे वो कसमे वादे तुने जो तुझे निभाने नहीं थे क्यूँ सजाए वो सपने जो हकीकत बनाने नहीं थे जगाकर मेरी उम्मीदों को फिर उन्हें चकनाचूर किया तुझे तो एहसास भी नहीं है कि तूने किस कदर मुझे तोड़ दिया खैर अब तुझे तेरी खुशियां मुबारक मुझे तो ताउम्र इस तन्हा दर्द में रोना है शायद मेरे इश्क का बस यही अंजाम होना है मगर याद रखना किस्मत एक दिन तुझे भी आजमाएगी जिस दर्द में आज मैं रो रहा हूं देखना उसी दर्द में तुझे भी रुलाएगी मेरे अल्फाज this poetry for heart broken boys..... #nojoto #nojotohindi