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ओस की बूँदों सी वो अक्सर मेरे जेहन में ठहर जाती है

ओस की बूँदों सी वो
अक्सर मेरे जेहन में ठहर जाती है
और उसकी आँखों में उतर कर धूप 
धनक सी शाद होती है 

एक नायाब मोती सी वो 
झक सफ़ेद और साफ़
केदारनाथ के पहाड़ों की तरह 
अपने अंदर ना जाने कितना अध्यात्म समेटे है
कि जब पिघलती है
तो गंगा हो जाती है 

एक दुआ सी वो 
क़ुरान की आयतों में लिखी 
मरियम की कहानी सी पाकीज़ा 
किसी आइने पर चढ़े चाँदी की तरह
बस सच बोलती है 

@ दिल से 
वो

©Mo k sh K an #mikyupikyu 
#nid
#mokshkan
ओस की बूँदों सी वो
अक्सर मेरे जेहन में ठहर जाती है
और उसकी आँखों में उतर कर धूप 
धनक सी शाद होती है 

एक नायाब मोती सी वो 
झक सफ़ेद और साफ़
केदारनाथ के पहाड़ों की तरह 
अपने अंदर ना जाने कितना अध्यात्म समेटे है
कि जब पिघलती है
तो गंगा हो जाती है 

एक दुआ सी वो 
क़ुरान की आयतों में लिखी 
मरियम की कहानी सी पाकीज़ा 
किसी आइने पर चढ़े चाँदी की तरह
बस सच बोलती है 

@ दिल से 
वो

©Mo k sh K an #mikyupikyu 
#nid
#mokshkan