Nojoto: Largest Storytelling Platform

कहीं आँखें हैं लबालब कहीं प्यास गहरी हुई है कहीं श

कहीं आँखें हैं लबालब
कहीं प्यास गहरी हुई है
कहीं शाम हुई है रूआँसी
कहीं सुबह जग रही है

ना रोकने की ज़िद है
ना टोकने की है आदत
ना रोश्नी की तलब है
ना अँधेरों से है शिकायत

सीधे रास्तों पर चलकर
हैरान भी हुआ हूँ
सच का साथ देकर
परेशान भी हुआ हूँ...
© abhishek trehan #आँखें #प्यास #गहरी #रात #yqdidi #yqastheticthoughts #yqrestzone #manawoawaratha
कहीं आँखें हैं लबालब
कहीं प्यास गहरी हुई है
कहीं शाम हुई है रूआँसी
कहीं सुबह जग रही है

ना रोकने की ज़िद है
ना टोकने की है आदत
ना रोश्नी की तलब है
ना अँधेरों से है शिकायत

सीधे रास्तों पर चलकर
हैरान भी हुआ हूँ
सच का साथ देकर
परेशान भी हुआ हूँ...
© abhishek trehan #आँखें #प्यास #गहरी #रात #yqdidi #yqastheticthoughts #yqrestzone #manawoawaratha